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कटघरे के रखवाले - रजत शर्मा

कटघरे के रखवाले - रजत शर्मा

Gaahim

 

दिल्ली की चमचमाती गलियों में, सब्जी मंडी की तंग गलियों में पैदा हुआ एक लड़का, जो आज सियासत और सिनेमा के दिग्गजों को कटघरे में खड़ा करता है - ये हैं रजत शर्मा. उनकी कहानी है जुनून और मेहनत की.छोटे से घर में, बड़े सपनों के साथ पले रजत, पढ़ाई में अव्वल थे. रामजस स्कूल से श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स तक का सफर, उनकी जिज्ञासा को और जगाता गया. शुरुआत हुई पत्रकारिता से. एक शोधकर्ता के तौर पर उन्होंने कदम रखा, फिर पत्रिकाओं के संपादक बनते गए. उनकी तीखी लेखनी और बेबाक राय, लोगों का ध्यान खींचने लगी.

एक विमान यात्रा ने उनकी जिंदगी बदल दी. उस फ्लाइट में मिले मीडिया जगत के दिग्गज सुभाष चंद्रा के साथ हुई बातचीत ने जन्म दिया - "आप की अदालत" को! ये वो शो था जिसने टेलीविजन का रुख मोड़ दिया. कटघरेनुमा सेटिंग, सवालों का सिलसिला और रजत शर्मा की धारदार अदायगी, हर घर में चर्चा का विषय बन गई.चाहे नेता हों या फिल्मी सितारे, रजत शर्मा ने बेखौफ होकर उनसे सवाल किए. देश के ज्वलंत मुद्दों को उठाया. "आप की अदालत" भारत के टेलीविजन इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला शो बन गया.

रजत शर्मा सिर्फ "आप की अदालत" तक सीमित नहीं रहे. उन्होंने "आज की बात" जैसे शो की मेजबानी भी की. साथ ही, उन्होंने इंडिया TV जैसे मीडिया हाउस की स्थापना भी की.रजत शर्मा की कहानी यह बताती है कि सफलता किसी शानदार शुरुआत की मोहताज नहीं. जुनून, मेहनत और बेबाकी से आप भी अपनी "अदालत" स्थापित कर सकते हैं.


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