ज़िंदगी की असली खूबसूरती तब दिखती है जब इंसान हार के बाद भी उठ खड़ा होता है। यही कहानी है अमित शर्मा (Amit Sharma) की — एक ऐसे डांसर की, जिसने अपने हर गिरने को अपने अगले कदम की ताकत बना लिया। अमित गाज़ियाबाद के एक साधारण परिवार से आते हैं। बचपन से ही उन्हें डांस का जुनून था — वो हर गाने पर झूमते, हर मूव खुद सीखते। स्कूल के फंक्शन में जब भी उन्हें स्टेज मिलता, पूरा हॉल तालियों से गूंज उठता। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वो डांस की क्लास या प्रतियोगिताओं में आसानी से हिस्सा ले सकें। एक दिन मौका मिला एक डांस शो में भाग लेने का। फीस ज़्यादा थी, लेकिन हिम्मत और माँ का विश्वास उससे भी बड़ा। उनकी माँ ने अपने एक जानकार से पैसे उधार लेकर अमित को उस शो में भेजा। अमित ने उस भरोसे को टूटने नहीं दिया — उन्होंने शो जीता, ट्रॉफी और कैश प्राइज़ दोनों अपने नाम किए। उस पल से अमित के जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ। धीरे-धीरे उन्होंने अपनी मेहनत से पहचान बनाई और फिर अपनी खुद की *डांस अकादमी* खोली। वहाँ वे बच्चों को सिखाने लगे, उन्हें वही मौके देने लगे जो उन्हें कभी मुश्किल से मिले थे। उनकी अकादमी ने कई युवाओं का भविष्य बदला, और अमित का नाम अब एक जाने-माने कोरियोग्राफर के रूप में लिया जाने लगा।
पर ज़िंदगी का रिदम हमेशा सीधा नहीं होता। इसी बीच अमित एक लड़की से प्यार करने लगे — सच्चा, गहरा और लम्बा रिश्ता। पर जब वो रिश्ता खत्म हुआ, तो अमित जैसे भीतर से टूट गए। वो हँसना भूल गए, डांस भूल गए, यहाँ तक कि अपनी अकादमी से भी दूर हो गए।
जहाँ पहले लोग उनकी तारीफ़ करते थे, वहीं अब कहने लगे — “अब उसमें वो बात नहीं रही।”
वो दौर अमित की ज़िंदगी का सबसे अंधेरा समय था। लेकिन कहते हैं, जो इंसान अपने सपने से सच्चा होता है, वो ज़िंदगी से हार नहीं सकता। अमित ने एक दिन फिर से खुद को आईने के सामने खड़ा किया। और वहीं से शुरू हुआ उनका दूसरा सफर — इस बार मंच नहीं, मोबाइल कैमरा उनका साथी बना।
उन्होंने Instagram Reels पर अपने डांस वीडियो डालने शुरू किए।
शुरुआत में व्यूज़ कम आए, पर हर वीडियो के साथ उनका हौसला बढ़ता गया। लोगों ने उनकी मेहनत, उनकी कहानी और उनके दिल से निकले मूव्स को महसूस किया। आज उनकी वीडियो धीरे-धीरे लोगों तक पहुँच रही हैं — और जो कभी खुद पर शक करने लगे थे, वो आज फिर से अपने आप पर यकीन कर रहे हैं।
अमित कहते हैं,
स्टेज छोटा हो या बड़ा, अगर दिल सच्चा है — तालियाँ खुद बजती हैं।”
आज उनके सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स कम हैं,
लेकिन *उनका आत्मविश्वास बहुत बड़ा है।*
वो जानते हैं कि असली स्टार वही होता है जो खुद पर भरोसा रखे,
चाहे दुनिया उसे अभी पहचान न पाई हो।
अमित शर्मा की कहानी इस बात की गवाही है कि सपनों को बस जीतने की नहीं, जीने की ज़रूरत होती है।क्योंकि जब एक डांसर का दिल धड़कता है, तो ज़िंदगी खुद भी उसके साथ ताल में झूम उठती है।
