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क्यों Larry Page ने सोशल मीडिया से खुद को अलग रखा

क्यों Larry Page ने सोशल मीडिया से खुद को अलग रखा

Gaahim

लैरी पेज, गूगल के सह-संस्थापक, तकनीकी दुनिया के चमकते सितारे हैं। दुनिया भर में करोड़ों लोग उन्हें गूगल के पीछे के व्यक्ति के रूप में जानते हैं। लेकिन एक बात जो बहुत कम लोग जानते हैं, वह यह है कि लैरी पेज सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं। आज के समय में जब लोग अपनी ज़िंदगी के हर पहलू को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, लैरी पेज ने हमेशा अपनी प्राइवेसी और निजी जीवन को प्राथमिकता दी।

लैरी पेज का जन्म मिशिगन, अमेरिका में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों ही कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में काम करते थे। बचपन से ही उन्हें तकनीक और खोज में गहरी रुचि थी। यही रुचि उन्हें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ले गई, जहाँ उन्होंने सर्गेई ब्रिन के साथ मिलकर गूगल की नींव रखी।


गूगल की स्थापना के बाद, लैरी पेज ने हमेशा नवाचार और टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कभी भी खुद को सोशल मीडिया की दुनिया में दिखाने की कोशिश नहीं की। जबकि अन्य तकनीकी उद्यमी अपने विचार, जीवनशैली और गतिविधियों को ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर साझा करते हैं, लैरी पेज ने अपने काम को प्राथमिकता दी और सोशल मीडिया से दूरी बनाई।

यह दूरी उनकी सोच और काम करने की शैली का हिस्सा है। लैरी पेज का मानना है कि समय बहुत कीमती है और इसे अनावश्यक चीजों में व्यर्थ नहीं करना चाहिए। इसलिए उन्होंने अपने निजी जीवन को मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म से दूर रखा। इस वजह से उनके नाम पर कई अनौपचारिक (unofficial) अकाउंट्स हैं, लेकिन कोई भी अकाउंट आधिकारिक नहीं है।


हालांकि, लैरी पेज ने गूगल+ (Google+) के माध्यम से सोशल मीडिया की क्षमता को समझा। 2011 में गूगल+ लॉन्च हुआ, जिसका उद्देश्य लोगों को जोड़ना और ऑनलाइन कम्युनिटी बनाना था। लेकिन यह प्लेटफॉर्म अपेक्षित सफलता नहीं हासिल कर पाया और 2019 में बंद कर दिया गया। फिर भी, इस अनुभव ने लैरी पेज को सोशल मीडिया के महत्व के बारे में सिखाया, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्होंने कभी इसका उपयोग नहीं किया।

लैरी पेज की सार्वजनिक उपस्थिति बहुत कम होती है। 2025 में वे य कॉम्बिनेटर (Y Combinator) के एक इवेंट में शामिल हुए, जहाँ उन्होंने स्टार्टअप संस्थापकों से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किए। यह घटना इस बात का सबूत है कि लैरी पेज तकनीकी दुनिया में सक्रिय हैं, लेकिन सोशल मीडिया की दुनिया में नहीं।

लैरी पेज का जीवन हमें यह सिखाता है कि सफलता पाने के लिए जरूरी नहीं कि हम हर प्लेटफॉर्म पर दिखें। उनके काम, उनके विचार और उनके नवाचार ही उन्हें वैश्विक पहचान दिलाते हैं। सोशल मीडिया की दुनिया में भले ही हम सब व्यस्त हैं, लेकिन लैरी पेज ने यह दिखाया कि अगर आप अपने जुनून और काम पर ध्यान केंद्रित करें, तो दुनिया आपकी उपलब्धियों को खुद पहचान लेगी।


लैरी पेज की कहानी से यह भी सीखने को मिलता है कि सफलता का मूल आधार आपकी मेहनत, सोच और नवाचार हैं, न कि सोशल मीडिया की लोकप्रियता। उन्होंने यह साबित किया कि सोशल मीडिया पर सक्रिय होना सफलता की शर्त नहीं है। बल्कि अपने काम में उत्कृष्टता और निष्ठा ही सबसे बड़ी पहचान है।

इस तरह, लैरी पेज न केवल गूगल के सह-संस्थापक के रूप में जाने जाते हैं, बल्कि उनकी सादगी और सोशल मीडिया से दूरी उन्हें एक अलग पहचान देती है। उनका जीवन यह संदेश देता है कि अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और अपने काम पर ध्यान देते हैं, तो कोई भी प्लेटफॉर्म आपकी सफलता को प्रभावित नहीं कर सकता।


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