प्रेरणाद शुरुआत
एक समय था जब भारतीय क्रिकेट टीम शहर के बच्चों से भरी रहती थी। शहरों में बेहतरीन कलाकृतियाँ और खेल के अच्छे बच्चों के साथ कई छोटे शहरों के लड़के उन्हें राणजी ट्रॉफी में शामिल नहीं कर पाते। लेकिन इस स्पेशल ने यह सब ग़लत साबित कर दिया। मस्टडी ने एक सपना देखा था, जिसे देखने से कई लोग मठाधीश थे।
रांची के एक बहुत छोटे शहर से आने वाले धोनी ने सपने देखने की कहानी और साहस के साथ उस सपने को सच कर दिखाया। बहुत कम उम्र से ही वे सचिन सावंत को अपना आदर्श मानते थे, जिनमें क्रिकेट के भगवान और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भारतीय रेलवे में टिकट पोस्टकार्ड के रूप में अपना व्यवसाय शुरू किया। उनकी कड़ी मेहनत और कभी हार न द्वेष की भावना ने अंततः उन्हें 2003 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उतारा।
महेंद्र सिंह धोनी न केवल अपने क्रिकेट के लिए जाते थे बल्कि उनके लंबे लंबे बालों के स्टाइल के लिए भी काफी लोकप्रिय थे। दरअसल, ये चलन बन गया था कि देश का हर लड़का अब "धोनी हेयरस्टाइल" को संवारना चाहता है। रांची के एक बहुत छोटे शहर से आने वाले धोनी ने सपने देखने की कहानी और साहस के साथ उस सपने को सच कर दिखाया। बहुत कम उम्र से ही वे सचिन सावंत को अपना आदर्श मानते थे, जिनमें क्रिकेट के भगवान और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भारतीय रेलवे में टिकट पोस्टकार्ड के रूप में अपना व्यवसाय शुरू किया। उनकी कड़ी मेहनत और कभी हार न द्वेष की भावना ने अंततः उन्हें 2003 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उतारा।
टी-20-विश्व-कप-भारत
धोनी अपने शांतचित्त के लिए जाते हैं - कुछ ऐसा जिसका हम सभी अनुकरण करना चाहते हैं। हम उन्हें कठिन से कठिन मैच में भी कहते हुए देखेंगे। उनके इस शांत मासूम ने उन्हें टीम के कैप्टन के रूप में उतारा। उन्होंने न केवल अपने आदर्श सचिन के साथ के सपने को सच किया बल्कि उनके कप्तान भी बन गए।